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 प्रांतीय विवरणी/रिपोर्ट 

 भगवान श्री सत्य साई बाबा द्वारा निर्देशित 
नौ सूत्रीय आचार संहिता पर आधारित  आध्यात्मिक साधना शिविरों का आयोजन

श्री सत्य साई सेवा संगठन, मध्यप्रदेश के प्रत्येक सदस्य की आध्यात्मिक साधना के मार्गदर्शक स्वरुप,
स्वयं भगवान द्वारा निर्देशित नौ सूत्रीय आचार संहिता का विधिवत पालन सुनिश्चित करने हेतु,
मध्यप्रदेश के सभी जिलाध्यक्षों के द्वारा समस्त सत्य साई जिलों में साधना शिविरों का आयोजन किया गया
एवं श्री सत्य साई सेवा संगठन, मध्यप्रदेश के प्रत्येक सदस्य को आध्यात्मिक साधना की नौ सूत्रीय आचार संहिता
के चिन्तिन/मनन और दैनिक आचरण में पालन हेतु अभिप्रेरित किया गया |

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प्राप्त निर्देशानुसार राज्य के 33 सत्य साई जिलो में साधना शिविर का या जाना था। राज्य इस हेतु भी संकल्प बद्ध था कि गुरूपूर्णिमा के पूर्व ही ये साधना शिविर पूरे राज्य में संपादित हो सके। इन साधना शिविर के पीछे यहअवधारणा थी कि ये सभी साधना शिविर रहवासी साधना शिविर हो ,याने पदाधिकारी एवं भक्तयगणों को रात्रि में ही साधना शिविर के आयोजन स्थल पर आना आवश्यिक था । जिले में साधना शिविर संपन्न होने के पश्चाधत इन्हें समिती स्तिर पर भी संपादित किया जानाहैं। इन सभी साधना शिविरो में प्रत्ये क समिती के पदाधिकारीगणों को अनिवार्य रूप सेभाग लेना आवश्य क था ताकि वे समिति स्तर पर सम्पन्न होने वाले साधना शिविर में अहम् भूमिका निभा सकें। इसी तरह संगठन के अन्या सदस्य एवं भक्त गण भी इन शिविरो में भाग लेसकते थें। 


दिनांक 15/07/2018 जिला छिंदवाडा, स्थाान गोपालपुर -- साधना शिविर का अत्यंत सफल आयोजन संपन्न हुआ, तीन सत्रो के अंतर्गत राज्य पदाधिकारी-1, झोनल पदाधिकारी-3, जिला अध्याक्ष -1, जिला पदाधिकारी-17, समिती संयोजक-9 ,भजन मंडली संयोजक -50, बाल विकासगुरू -20, समिती पदाधिकारी-30 सहित 666 भक्तो की उपस्थिती रही ।


इस उद्देश्य के साथ प्रांत के तीनो सह प्रांताध्यक्ष महोदय द्वारा समस्त जिलाध्यक्षो से माह जून एवं जुलाई में आचार संहिता के नौ सूत्रों पर  साधना शिविर आयोजित किये जाने हेतु तिथी निर्धारण का कार्य किया गया। साधना शिविर मे वक्ताओं के चयन हेतु गूगल लिंक के द्वारा पंजीयन किया गया। जिलाध्याक्षो से साधना शिविर की तिथी का निर्धारण होने के पश्चात 33 साई जिलो में साधना शिविर के आयोजन की कार्य योजना, वक्ताओं के नाम एवं राज्य स्तरीय शिविर प्रभारियो के नामो का निर्धारण किया गया।वक्ताओं हेतु नौ सूत्रीय आचार संहिता संबंधी पठनीय सामग्री भी उपलब्धक करायी गई ।

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नौ सूत्रीय आचार संहिता

परमप्रिय भगवान श्री सत्य साई बाबा द्वारा निर्देशित 

1. प्रतिदिन जप एवं ध्यान
2. परिवार के सदस्यों सहित सप्ताह में एक बार भजन
3. परिवार के बच्चों द्वारा संगठन के बालविकास कार्यक्रम में भाग लेना
4. माह में कम से कम एक बार भजन या नगर संकीर्तन में सम्मिलित होना
5. संगठन द्वारा आयोजित सेवा गतिविधियों में भाग लेना
6. साई साहित्य का नियमित अध्यन
7. प्रत्येक व्यक्ति से मधुर एवं प्रेम पूर्वक वार्तालाप करना
8.किसी की आलोचना विशेषकर उनकी अनुपस्थिति में न करें
9. इच्छाओं पर नियंत्रण के सिधांत का अभ्यास करना एवं उससे होने वाली बचत को मानव सेवा में उपयोग करना 


 राज्य में आचार संहिता के नौ सूत्रों पर आधारित संपन्न होने वाले साधना शिविर की रूप रेखा भी निर्धारित की गई, जो निम्नानुसार हैं :-

01. साधना शिविर का प्रथम सत्र प्रात: 5 बजे से 6:30 तक रखा गया । जिसमें सर्वप्रथम 21 बार ओंकारम, ज्योति ध्यान, सुप्रभातम् का गान एवं नगर संकिर्तन किया जाना था । 
02. निर्धारित समय पर दीप प्रज्वलन और भजन / वेदपाठ से साधना शिविर का प्रारंभ करना । 
03. प्रात: सत्र मे अथवा भजन / वेदपाठ के उपरांत 21 बार ओंकारम का  महत्व एवं सुप्रभातम का अर्थ बताया जाना । 
04. आचार संहिता के 9 बिंदुओ पर चर्चा करने के पूर्व भगवान ने संगठन क्यों बनाया है और हमे आचार संहिता क्यों दी गई पर चर्चा । 
05. प्रत्येक सूत्रों  पर वक्ता द्वारा पहले भगवान ने क्या कहा हैं और उक्तसूत्र को किस तरह किया जाना चाहिए पर अपने विचार रखने के पश्चा्त्  निम्नलिखित प्रश्नोतरी के माध्य‍म से उपस्थित भक्गणों से चर्चा करना :- उक्त सूत्रों  की क्या आवश्यकता हैं ? उक्त सूत्रों  के क्या लाभ हैं ? -उक्त सूत्रों  के पालन से भगवान बाबा हमसे क्याा चाहते हैं ? -क्या  हम आचार सं‍हिता के इन सूत्रों  का पालन करते हैं ?यदि नहीं, तो क्या फिर हम अपने प्रिय भगवान से प्रेम करते हैं ? इस तरह प्रत्येक सूत्रों  पर वक्ताओं द्वारा चर्चा और अपने विचार रखते हुए आचार संहिता के नौ सूत्रों  के पालन हेतु सभी को प्रोत्सा्हित करना हैं । 
06. साधना शिविर के प्रभारियो द्वारासंगठन में सदस्यर के रूप में, पदाधिकारी के रूप में भगवान की हमसे क्याक अपेक्षाए हैं पर चर्चा करना । 
07. साधना शिविर में बालविकास के बच्चों द्वारा मूल्यय गीत या रोल प्लेद भी किया जा सकता हैं । ( एक वक्ताष दो सूत्रों  या तीन सूत्रों  पर भी बोल सकता हैं अथवा चयनीत वक्ता्गण परिचर्चा के रूप में भी नौ सूत्रों  पर प्रस्तुती दे सकते हैं ) उपरोक्त रूप रेखा की जानकारी से सभी को अवगत कराते हुए माह जुन एवं जुलाई में 9 जून से 22 जुलाई तक 33 साई जिलो में संपन्न होने वाले साधना शिविरो की कार्य योजना, जिसमें जिला, स्थान - जहॉं साधना शिविर का आयोजन किया जाना हैं, वक्ताओं के नाम एवं राज्य स्तरीय साधना शिविर प्रभारियों के नाम की माह जून व जुलाई की सूची जारी की गई ।

ये साधना शिविर पुरे राज्य में प्रत्येक भक्तगण को साई से और साई प्रेमियों से प्रेम सूत्र में बांधने का कार्य कर रहें थें तो वहीं हम सब के प्रिय भगवान हमारे संकल्प को पूर्णता देने में आशीर्वाद के रूप में प्रत्येक साधना शिविर में प्रेम और आनंद के रूप में उपस्थित थे। ऐसा भी हुआ कि राज्य में एक दिन में अधिकतम सात से आठ साधना शिविर निर्विघ्नन संपन्न हुए ।
                                 
व्यक्तिगत रूप से कुछ जिलाध्याक्षो एवं शिविर प्रभारियों से उक्त साधना शिविर के बारे में चर्चा की गई। सभी का एक मत से यह विचार रहा कि इन साधना शिविर के माध्यम से हम पुन: स्वंय को साधक के रूप मे आकलन कर सकते हैं और साई पथ , जो आचार संहिता के नौ सूत्रों से परिपूर्ण हैं, पर उत्साह के साथ पुन: स्वंय को साधने का प्रयास करेंगे । इन साधना शिविरो से जो लाभ संगठन को हुए है, मेरे विचार से निम्ना‍नुसार हैं :

01. प्रत्येक सूत्र पर वक्ताओ की विशिष्ट प्रस्तुती ।
02. साधना शिविर के मुख्यालय को छोडकर अन्य समिती को भी निर्धारित कार्ययोजना के साथ कार्य करने का अनुभव होना ।
03. पदाधिकारियों एवं बाहर से पधारे वक्ता एवं प्रभारियों का एक ही स्थािन पर मिलना ।
04. वक्ताओं की संख्या में बढोत्री होना ।
05. प्रत्येक साधना शिविर में संगठन का महत्व एवं पदाधिकारियों के दायित्वों की चर्चा अत्यंत आवश्यक थी जिसे प्रभारियों द्वारा बहुत अच्छे से प्रस्तुत भी किया गया।
06. इन साधना शिविरो के माध्यम से जहॉं वक्ताओं की एक अच्छी टीम तैयार हुई हैं वही इन शिविरों ने सभी जिलो में भी उत्साह का वातावरण निर्मित किया ।
 07. वास्तव में साधना शिविर की तैयारियां करना भी तो एक साधना ही हैं । सभी जिलाध्यक्षों को नमन हैं कि‍ वे दिये गये निर्देशानुसार अपनी जिले की टीम के साथ साधना में लीन रहे ।
 


माह जुन एवं जुलाई में दिनांक 09/06/2018 से 22/07/2018 तक 33 साई जिलो में संपन्न साधना शिविर का विवरण  फोटोग्राफ्स के साथ निम्नानुसार प्रस्तुत हैं

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दिनांक 09/06/2018 जिला सरगुजा

दिनांक 09/06/2018 जिला सरगुजा स्थान विश्रामपुर- साधना शिविर में 74 भक्तोे की उपस्थिती रही, जिसमें मुख्य त: राज्यय पदाधिकारी-2, झोनल पदाधिकारी-1, जिला पदाधिकारी-15 बाल विकासगुरू-12 उपस्थित थें ।

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दिनांक 10/06/2018 जिला अनुपपुर-1,2

स्था न अनुपपुर जिले की 8 समितीयॉं व 4 भजन मंडिलयों के 245 भत्क , जिसमें 113 महिला व 132 पुरूष उपस्थित हुए साथ ही इस अवसर पर स्थाथनीय प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित हुए ।

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दिनांक 16/06/2018 जिला रतलाम

स्थान मंदसौर - रतलाम जिले में संपन्न साधना शिविर में 65 पुरूष एवं 39 महिला भक्तभ कुल 106 भक्त उपस्थित हुए ।

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दिनांक 17/06/2018 जिला मंडला

स्थान मांद -- साधना शिविर में 91 पुरूष व 46 महिलाओं सहित कुल 137 भक्तो द्वारा भाग लिया। वक्तानओं ने नौ सुत्री आचार संहिता को जीवन में उतारने हेतु प्रेरित किया। शिविर अत्यं्त सफल रहा ।

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दिनांक 17/06/2018 जिला होशंगाबाद 

 स्थान होशंगाबाद -- साधना शिविर में 41 पुरूष व 39 महिलाओं सहित कुल 79 भक्त‍ भक्तं उपस्थित हुए।

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दिनांक 17/06/2018 जिला धमतरी

स्थान मंदरोड -- साधना शिविर में 83 पुरूष व 138 महिलाओं सहित कुल 221 भक्त1 उपस्थित हुए। जिसमें मुख्य त: प्रांतिय पदाधिकारी-2, जोनल पदाधिकारी-4, जिला पदाधिकारी- 5 समिती संयोजक-10 बाल विकासगुरू -16 उपस्थित थें। 

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दिनांक 24/06/2018 जिला जबलपुर

स्थान जबलपुर -- साधना शिविर में कुल 165 भक्तो द्वारा भाग लिया गया, जिसमें मुख्यत: राज्य समन्वयक -4, राज्यर प्रभारी-7, बाल विकासगुरू -19, अन्य प्रभारी 24 उपस्थित थें।

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दिनांक 24/06/2018 जिला कोरबा

स्थान कोरबा -- साधना शिविर में 112 भक्तोग के साथ निम्न् पदाधिकारियो द्वारा भाग लिया गया। जिसमें मुख्यत: राज्य प्रभारी-4, जिला पदाधिकारी- 11, बाल विकासगुरू -7 उपस्थित थें।


उपरोक्तानुसार आचार संहिता के नौ सूत्रों पर 33 साई जिलों में साधना शिविर संपन्न हुए। यह प्रयत्न रहेगा कि अब इसे समिती स्तर पर ले जाना हैं और 23 नवंबर के पहले इन्हें पूरे राज्य में संपादित किया जाना हैं। समिती और भजन मंडली स्तर पर आचार संहिता के नौ सूत्रों पर आधारित साधना शिविर का आयोजन प्राप्त निर्देशानुसार किया जाना है। समिती स्तर पर संपादित होने वाले साधना शिविर हेतु निम्नानुसार रूप रेखा प्रस्तावित की जा सकती हैं :-

(1) समिती स्तर पर संपादित होने वाले साधना शिविर का प्रथम सत्र प्रात: 5 बजे से 6:30 तक का रखा जाये जिसमें सर्वप्रथम 21 बार ओंकारम, ज्योति ध्यान, सुप्रभातम् का गान एवं नगर संकीर्तन किया जाये ।
(2) आरती के पूर्व 21 ओमकार का महत्व एवं सुप्रभातम् का अर्थ बताया जावे।(जिस समिती में साधना शिविर संपन्न होना हैं वही के भक्तगणों एवं निकट समिती के सदस्यों द्वारा नगरसंकीर्तन में भाग लेना प्रस्तावित है।)
(3) समिती स्तर पर संपादित होने वाले साधना शिविर का समय यदि दोपहर 12:30 से शाम 6:00 तक का रखा जाता हैं तो भोजन  संबंधी व्यय से बचा जा सकेगा । (यदि वक्तागण प्रवास पर आते है तो केवल उनकी ही व्यवस्था आवश्यक होगी)
(4) साधना शिविर हेतु निर्धारित समय पर दीप प्रज्वलन और भजन/वेदपाठ से साधना शिविर का प्रारंभ करना ।
(5) प्रात:  भजन/वेदपाठ के उपरांत 21 बार ओंकारम् एवं सुप्रभातम का अर्थ भी बताया जा सकता हैं क्यों कि संभव हैं कि नगर संकीर्तन के समय भक्तगणों की संख्या कम हो। (यह समिती स्तर पर ही निर्धारित किया जाना उचित होगा)
(6) आचार संहिता के 9 बिंदुओ पर चर्चा करने के पूर्व भगवान ने संगठन क्यों बनाया है और हमे आचार संहिता क्यों दी गई पर चर्चा ।
(7) प्रत्येक सूत्रों पर वक्ता द्वारा पहले भगवान ने सूत्रों के बारे में क्या कहा हैं और उक्त सूत्रों को किस तरह किया जाना चाहिए पर अपने विचार रखने के पश्चात् निम्नलिखित प्रश्नोतरी के माध्यम से उपस्थित सदस्यों से चर्चा करना :-

 -उक्त सूत्रों की क्या आवश्यकता हैं ?
 -उक्त सूत्रों के क्या लाभ हैं ?
 -उक्त सूत्रों के पालन से भगवान बाबा हम से क्या चाहते हैं ?
 -क्या हम आचार सं‍हिता के इस सूत्रों का पालन करते हैं ?
 -यदि नहीं, तो क्या फिर हम अपने प्रिय भगवान से प्रेम करते हैं ?

इस तरह प्रत्येक सूत्रों पर वक्ताओं द्वारा चर्चा और अपने विचार रखते हुए आचार संहिता के नौसूत्रों के पालन हेतु सभी को प्रोत्सा्हित करना हैं।

01. इन साधना शिविर में संगठन में सदस्य के रूप में, पदाधिकारी के रूप में भगवान की हमसे क्या अपेक्षाए हैं पर चर्चा हेतु विषय रखा जाना ।
02. साधना शिविर में बालविकास के बच्चों द्वारा मूल्य, गीत या रोल प्ले भी किया जा सकता हैं।
 (एक वक्ता दो सूत्रों या तीन सूत्रों पर भी बोल सकता हैं अथवा चयनीत वक्ता परिचर्चा के रूप में भी नौ सूत्रों पर प्रस्तुती दे सकते हैं)
03. समिती स्तर पर संपादित साधना शिविर में प्रांत द्वारा जारी वृक्षारोपण संबंधी जानकारी देते हुए अधिकतम मुनगा के पौधे लगाये जाने हेतु प्रोत्साहित किया जाना एवं की जाने वाली कार्यवाही की चर्चा भी कि जाना।
 
उपरोक्तानुसार राज्य में माह जुन एवं जुलाई में आचार संहिता के 9 सूत्रों पर आधारित 33 साई जिलो में संपन्न साधना शिविरो का प्रतिवेदन एवं समिती स्तर पर संपादित होने वाले साधना शिविरो की प्रस्तावित रूप रेखा आपकी ओर प्रेषित है ।

श्रीमती रत्ना बोचरे   
राज्य आध्यात्मिक समन्वयक (महिला)
श्री सत्य साई सेवा संगठन, मध्य प्रदेश 


श्री राजीव करमहे
राज्य आध्यात्मिक समन्वयक (पुरुष)
श्री सत्य साई सेवा संगठन, मध्य प्रदेश 

प्रांतीय कार्यालय, मध्यप्रदेश

मधुबन बुधवारा बाज़ार ,खंडवा,
मध्यप्रदेश 

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